Toxic shock syndrome never ignore these symptoms in hindi
Contents
- 1 टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of toxic shock syndrome)
- 2 टोक्सिक शॉक सिंड्रोम के कारण (Causes of toxic shock syndrome )
- 3 चिकित्सीय सलाह कब लें ( When to get medical advice)
- 4 टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का निदान (Diagnosis of toxic shock syndrome)
- 5 टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का इलाज (Treatment of toxic shock syndrome )
- 6 टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम की रोकथाम (Prevention of toxic shock syndrome )
Toxic shock syndrome(TSS) एक दुर्लभ बीमारी है लेकिन यह serious medical condition है जो बैक्टीरिया के infection से होता है | यह बैक्टीरिया body के अन्दर जाकर harmful toxins को release करता है |
यह बीमारी उन young women से जुडी हुई है जो मासिकधर्म के समय tampon का इस्तेमाल करती है लेकिन यह किसी भी उम्र के किसी भी व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है इसमें पुरुष और बच्चे दोनों शामिल हैं |
tss बहुत जल्द फैलने वाली बीमारी है अगर सही समय में इसका इलाज न किया जाये तो यह यह घातक भी हो सकता है | लेकिन इसका जल्द ही निदान कर इलाज किया जाए तो अधिकाश लोग जल्द ही recover हो जायेंगे |
आइये हम toxic shock syndrome के symptoms को समझते हैं ताकि बिमारी की पहचान की जा सके और इसे गंभीर होने से रोक सके |
Read also:
- Cervical cancer क्या है ?प्रत्येक महिलाओं को ज़रूर जानना चाहिए
- जिका वायरस क्या है क्यों ये इन दिनों चिंता का विषय है ?
- स्तन कैंसर के क्या लक्षण हैं ?
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of toxic shock syndrome)
- तेज़ बुखार (Fever)
- उल्टी (Vomiting)
- दस्त(Diarrhoea)
- निम्न रक्तचाप (Low bloodpressure)
- मांसपेशियों में दर्द (Muscle pain)
- उलझन ( Confusion)
- सिरदर्द (Headache)
- रैश (Rash)
- आँख, मुंह और गले का लाल होना (Redness of eyes, mouth, throat)
- जी मिचलाना (Nausea)
- सांस की तकलीफे ( Breathing Difficulties)
टोक्सिक शॉक सिंड्रोम के कारण (Causes of toxic shock syndrome )
TSS का मुख्य कारण staphylococcus, या streptococcus bacteria है | normally ये bacteria skin, nose और mouth में harmlessly रहते हैं लेकिन अगर ये body के अन्दर प्रवेश कर जाते हैं तो ये toxins release कर सकते हैं tissue को damage कर सकते हैं और अंगो के काम को रोक सकते हैं |
toxic shock syndrome के सबसे आम रूप में , बैक्टीरिया संक्रमित महिलाओं के vagina में रहते हैं और बैक्टीरिया की growth tampon की उपस्थिति से encourage होती है | हलाकि बैक्टीरिया के द्वारा यह टोक्सिन body के अन्य जगह में भी produce हो सकता है | कभी-कभी संक्रमण का स्थान स्पष्ट नही होता है |
- गर्भ निरोधक अवरोध का इस्तेमाल करना
- superabsorbent tampon का इस्तेमाल करना
- nosebleed का इलाज करने के लिए nasal bleed का इस्तेमाल करना
- skin में किसी प्रकार का घाव होना
- प्रसव
चिकित्सीय सलाह कब लें ( When to get medical advice)
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का निदान (Diagnosis of toxic shock syndrome)
- रक्त की मात्रा, electrolyte, kidney और liver के function की जांच की जाती है |
- महिलाओं में pelvic test किया जाता है
- chest के X-Rays के द्वारा lungs में मौजूद तरल पदार्थों की पहचान किया जाता है |
- ECG से heart के electrical activity को trace किया जाता है |
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का इलाज (Treatment of toxic shock syndrome )
- blood pressure को control करने के लिए दवाये देना
- अगर किडनी का function रुक गया है तो dialysis में रखना
- breathing के लिए oxygen देना
- संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं देना
- dehydration और organ damage को रोकने के लिए तरल पदार्थ देना
- गंभीर मामले में किसी dead tissue को निकालने के लिए surgery करना
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम की रोकथाम (Prevention of toxic shock syndrome )
- tampon को नियमित रूप से बदलना
- जब महिला गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करती है तो इसके दिशानिर्देशक को follow करें कि आप इसे कब छोड़ सकते हैं |
- bed पर जाने से पहले new tampon का इस्तेमाल करें और सुबह इसे change करें
- period के अंत में tampon को हटा दें
- period के दौरान tampon को insert करने से पहले और बाद में हाथों को wash करें
- अगर आपको सूजन या दर्द जैसी समस्या है तो menstrual flow के लिए कम अवशोषण के साथ tampon का इस्तेमाल करें |
- एक बार में एक से अधिक tampon insert न करें |